साल 1909 में महात्मा गांधी अपनी चर्चित किताब हिन्द स्वराज लिख रहे थे. उस समय पोरबंदर और राजकोट के अलावा मुंबई में भी ये कहावत चलती थी कि मियां और महादेव की नहीं बनती. दोनों में बहुत फ़र्क है. इस कहावत पर गांधी के मन में कई तरह के सवाल थे. मुसलमानों पर गांधी क्या सोचते थे, बता रहे हैं मधुकर उपाध्याय.
वीडियो: काशिफ़ सिद्दीक़ी
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